रेलवे अगले दो वर्षों में मणिपुर, मिजोरम, मेघालय, सिक्किम और नगालैंड की राजधानियों को रेलमार्ग से जोड़ने की योजना बना रहा है।
नई दिल्ली - भारतीय रेलवे पांच उत्तर पूर्वी राज्यों के साथ चीन, म्यांमार और बांग्लादेश के सीमावर्ती इलाकों को जोड़ने के लिए कम से कम 40,000 करोड़ रुपये की लागत की कई परियोजनाओं पर काम करेगा। रेलवे अगले दो वर्षों में मणिपुर, मिजोरम, मेघालय, सिक्किम और नगालैंड की राजधानियों को रेलमार्ग से जोड़ने की योजना बना रहा है। इन परियोजनाओं के तहत कुल 1500 किलोमीटर से अधिक लंबी रेल लाइनें बिछाई जाएंगी।
इसके अलावा इन प्रॉजेक्ट्स के तहत भारत का सबसे लंबा डबल डेकर रेल-कम-रोड पुल, एक काफी लंबी रेल सुरंग और खंभों पर टिका दुनिया का सबसे ऊंचा रेल पुल बनाने की योजना है।
उत्तर पूर्व के सीमावर्ती राज्यों में इन रेल लाइनों के माध्यम से आने वाले वर्षों में भारत म्यांमार और बांग्लादेश के साथ नए रेल लिंक भी जोड़ेगा। रेलवे ने अरुणाचल प्रदेश में 180 किलोमीटर की रेलवे लाइन की भी योजना बनाई है, जो तवांग में चीन सीमा तक कनेक्टिविटी देगी।
इसके अलावा मणिपुर में इंफाल से म्यांमार सीमा पर मोरेह तक एक और रेल लाइन बनाई जाएगी। त्रिपुरा और बांग्लादेश को अगरतला में जोड़ने वाले एक रेल लिंक का भी निर्माण किया जाएगा। ये लाइनें गुवाहाटी में मौजूदा परिचालन नेटवर्क के साथ सभी उत्तर पूर्व राज्यों की राजधानियों को जोड़ेंगी।
पूर्वोत्तर फ्रंटियर रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, 'इससे उत्तर पूर्वी राज्यों और देश के अन्य राज्यों के बीच यात्रा का समय काफी घटेगा। इससे लोगों को सस्ता विकल्प मिलेगा और माल ढुलाई को भी बढ़ावा मिलेगा।
अधिकारी ने बताया, 'इम्फाल के जरिए हम म्यांमार सीमा पर मोरेह तक भी पहुंच सकते हैं। इस लाइन के बारे में स्टडी की गई है। इम्फाल से इसकी दूरी लगभग 100 किमी है।'
रेलवे त्रिपुरा के अगरतला में बांग्लादेश से लिंक बना रहा है, जो त्रिपुरा और कोलकाता की यात्रा में लगने वाले मौजूदा 24 घंटों के समय को 10 घंटे से भी कम कम कर देगा। रेलवे बोर्ड के प्रवक्ता वेद प्रकाश ने कहा, 'इसके साथ ही मेघालय, मिजोरम, नगालैंड और सिक्किम के राजधानियों में भी रेल लाइनों का निर्माण करने का काम चल रहा है। इनमें से अधिकतर लाइनें गुवाहाटी से जुड़ेंगी और ये साल 2020 तक पूरी हो जाएंगी।'