दिल्ली-मुंबई और दिल्ली-हावड़ा रूटों को तीन महीने के भीतर 160 किलोमीटर की रफ्तार वाली ट्रेनों के योग्य बनाने के अफसरों को निर्देश दिए हैं।
नई दिल्ली। रेलमंत्री पीयूष गोयल ने लेटलतीफी और सुस्त रफ़्तार को दूर करने के लिए ट्रेनों की औसत रफ्तार बढ़ाने दिल्ली-मुंबई और दिल्ली-हावड़ा रूटों को तीन महीने के भीतर 160 किलोमीटर की रफ्तार वाली ट्रेनों के योग्य बनाने के अफसरों को निर्देश दिए हैं।
रेलमंत्री ने सुस्त रफ्तार देखने के बाद रेलवे बोर्ड और जोनल रेलों के आला अधिकारियों को आड़े हाथ लिया। साथ ही बहानेबाजी छोड़ काम की रफ्तार बढ़ाने की ताकीद की।
गोयल ने पाया कि तीन वर्ष बीत जाने के बाद भी मिशन रफ्तार में मामूली प्रगति हुई है। जबकि सरकार ने इसी मिशन के बूते ही प्रमुख रूटों पर ट्रेनों की औसत स्पीड बढ़ाने और 160 किलोमीटर गति वाली सेमी-हाई स्पीड ट्रेने चलाने का मंसूबा बांधा था।
गोयल ने इस पर नाराजगी जताते हुए अगले तीन महीनों में दिल्ली-मुंबई और दिल्ली-हावड़ा रूटों पर चल रहे समस्त कार्यों को पूरा करने को कहा है।
दिल्ली-आगरा के बीच गतिमान एक्सप्रेस पहले ही 160 किलोमीटर की रफ्तार पर चल रही है। लेकिन आगरा के बाद झांसी तक इसे 130 किमी पर चलाया जा रहा है। गोयल इससे असंतुष्ट हैं और उन्होंने पूरे ट्रैक में जरूरी सुधार के निर्देश दिए हैं। हालांकि दिल्ली-मुंबई सेमी हाईस्पीड ट्रेन को झांसी के बजाय मथुरा-कोटा-रतलाम रूट वाले रूट पर चलाया जाएगा।
गोयल ने दिल्ली-हावड़ा रूट को भी सेमी-हाईस्पीड लायक बनाने के गाजियाबाद-मुगलसराय ट्रैक की अड़चनों को शीघ्रातिशीघ्र दूर करने को कहा है। इसके अलावा उन्होंने जिन रूटों पर काम तेज करने को कहा है कि उनमें हावड़ा-चेन्नई, दिल्ली-चेन्नई वाया ग्वालियर-भोपाल तथा हावड़ा-मुंबई वाया जबलपुर-इटारसी रूट शामिल हैं|