2010 से अटकी योजना को चार वर्ष में पूरा करने का वादा; विद्युतीकरण भी साथ-साथ होगा
ग्वालियर. ग्वालियर से श्योपुरकलां नैरोगेज रेल लाइन को ब्रॉडगेज में परिवर्तित करने की मंजूरी रेलवे बोर्ड ने दे दी है। यह 2010 से अटकी हुई थी।
रेलवे का दावा है कि जून से काम शुरू कर 4 साल में यह प्रोजेक्ट पूरा हो जाएगा। इस परियोजना पर 2912.96 करोड़ रुपए की राशि खर्च होगी।
बिरलानगर स्टेशन से गेज परिवर्तन के लिए नई लाइन बिछाई जाएगी। जो रायरू रेलवे स्टेशन से चार किलोमीटर आगे जाने के बाद बामौर गांव स्टेशन की तरफ मुड़ जाएगी। और उसके आगे बामौर गांव से श्योपुरकलां तक पुराने ट्रैक पर ही ब्रॉडगेज को बिछाया जाएगा| रायरू और बानमोर हाइवे न. 3 से ट्रैक को ऊपर से ले जाएगी। यहां से सीधा ट्रैक बामौर गांव स्टेशन के पुराने नैरोगेज ट्रैक से जुड़ जाएगा। यह पूरा रेलमार्ग 187 किलोमीटर का होगा। पूरे रेल मार्ग को मॉडल इंटरलॉकिंग सिस्टम से सुसज्जित होगा। कुल 223 छोटे-बड़े पुल बनेंगे साथ में 114 स्थान पर रेलवे क्रासिंग के नीचे से लाइन विछाई जाएगी. रेलवे सात ROB (रेलवे ओवर ब्रिज) बनाएगी|
रेलवे इस रेल मार्ग को विद्युतीकृत भी करेगी, जिससे ट्रेनें बिजली चलित इंजन से दौड़ेंगी। ट्रैक तैयार होने के बाद 10 घंटे का सफर ढाई से तीन घंटे का ही रह जाएगा।
ये होंगे स्टेशन:
ग्वालियर, बिरलानगर, रायरू, बामौर गांव, अंबिकेश्वर, सुमावली, जौरालापुर, भुट्टपुरा, कैलारस, सेमई, पीपलवाड़ी चौकी, सबलगढ़, रामपहाड़ी, विजयपुर रोड, कैमाराकलां, वीरपुर, सिल्लीपुर, इकडौरी, टर्राकलां, सिरोनी रोड, खोजीपुरा, दुर्गापुरी, गिरधरपुर और श्योपुर स्टेशन होंगे।
जमीन मिलने के बाद काम की शुरुआत
रेलवे के जनसंपर्क अधिकारी मनोज सिंह ने बताया कि नैरोगेज को ब्रॉडगेज में तब्दील करने के लिए रेलवे बोर्ड ने डिटेल एस्टीमेट को स्वीकृति प्रदान कर दी है। पूर्व में जमीन अधिग्रहण के लिए 549.30 करोड़ दिया गया था। वह राशि भी डिटेल एस्टीमेट में जोड़ दी गई है। जिला प्रशासन से जैसे ही जमीन मिलेगी, हम काम की शुरूआत कर देंगे।
मुरैना के कलेक्टर भरत यादव ने बताया कि गेज परिवर्तन के लिए जिले की जमीन का अधिग्रहण होना है। हम इस पर तेजी से काम करेंगे, जिससे रेलवे को जल्द जमीन मिल सके। मैं खुद इस मामले में मॉनीटरिंग करूंगा।