उत्तर मध्य रेलवे की सुस्ती के कारण ग्वालियर-इटावा का कार्य चल रहा धीमा…
ग्वालियर: पश्चिम मध्य रेलवे के डीआरएम उदय बोरबनकर ने शुक्रवार को गुना से ग्वालियर के बीच रेलवे ट्रैक का निरिक्षण किया। साथ ही ओएचई लाइन बिछाने के कार्य को लेकर इंजीनियरों से जानकारी भी ली। शिवपुरी स्टेशन पर इलेक्ट्रिक लाइन के फीडर के निर्माण कार्य को देखा।
बताया कि 31 मार्च से पहले घाटीगांव तक इलेक्ट्रिक इंजन दौड़ने लगेंगे जबकि मई-जून में ग्वालियर तक इलेक्ट्रिक इंजन दौड़ने लगेंगे। गुना से शिवपुरी का काम पहले ही पूरा हो चूका है, लेकिन ग्वालियर तक काम पूरा होने के बाद ही इस रूट पर ट्रेनों का संचालन इलेक्ट्रिक इंजन से शुरू होगा। इसमें सीआरएस का क्लियरेन्स भी जरूरी होगा। ज्ञात हो कि ग्वालियर-गुना रूट पर 10-12 ट्रेनें चलती है। इसमें ग्वालियर-भोपाल इंटरसिटी, ग्वालियर/भिंड - रतलाम, देहरादून-इंदौर प्रमुख ट्रेनें हैं।
आगरा-ग्वालियर शटल के शिवपुरी तक विस्तार के सवाल के जवाब में श्री बोरबनकर ने कहा कि इस संबंध में निर्णय रेलवे बोर्ड द्वारा किये जाते हैं। जो मांग रखी जाती है, इस संबंध में हम रिपोर्ट बनाकर बोर्ड को भेज देते है।
बिरला नगर - इटावा के बीच ओएचई लाइन का काम शुरू हो चूका है। लेकिन भिंड-इटावा लाइन का काम कुछ धीमा चल रहा, जिसका सबसे बड़ा कारण उत्तर मध्य रेलवे की सुस्ती।
ग्वालियर - इटावा - मैनपुरी के बीच 34 सब स्टेशन बनेंगे जिसमे से 16 सब स्टेशनों का काम जारी है। ग्वालियर से इटावा का काम अगस्त तक पूरा होना था लेकिन सूत्रों के अनुसार दिसंबर तक पूरा होने कि उम्मीद है, वहीँ इटावा से मैनपुरी के बीच का काम पूरा होने में करीब दो साल लगेंगे। ग्वालियर-इटावा-मैनपुरी विद्युतीकरण का कार्य भेल (BHEL) कंपनी द्वारा किया जा रहा है।
प्रथम चरण में 16 स्टेशन तैयार किये जा रहे हैं। इसमें बिरला नगर, मालनपुर, गोहद, सोनी, ऐतहार, भिंड, फूफ, उदी मोड, बाह, सैफई, करहल, मैनपुरी में सब स्टेशन बनाये जायेंगे। इसके लिए करीब सत्तर हज़ार से अधिक खम्बे लगाए जायेंगे।
पिछले दिनों रेल मंत्री ने ग्वालियर-श्योपुर गेज कन्वर्जन के साथ-साथ कोटा - श्योपुर नई लाइन का कार्य करने बात कही थी। इसलिए पश्चिम - मध्य रेलवे, राजस्थान सरकार (कोटा जिला) के साथ मिलकर जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शीघ्र शुरू की जायेगी। पहले नई लाइन का कार्य चौथे चरण में होना था लेकिन अब गेज कन्वर्जन के साथ किया जायेगा।