ग्वालियर ने झाँसी को पीछे छोड़ा लेकिन बैतूल, रीवा सिंगरौली से पीछे…
नई दिल्ली: स्टेशन स्वच्छता सर्वे-2019 में जहां जयपुर, जोधपुर समेत राजस्थान के तीन रेलवे स्टेशनों को स्वच्छता के लिए सर्वाधिक शानदार कार्य करने वाले स्टेशनों के तौर पर मान्यता मिली है। साथ ही टॉप-10 में छह स्टेशन आने के कारण उत्तर-पश्चिम रेलवे को सबसे स्वच्छ जोन का दर्जा मिला है। वहीं उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद जोन के अधिकांश स्टेशनों के घटिया प्रदर्शन के कारण संपूर्ण उत्तरमध्य रेलवे जोन स्वच्छता रैंकिंग में सबसे नीचे चला गया है। इधर, ग्वालियर रेलवे स्टेशन बैतूल, रीवा और सिंगरौली जैसे छोटे स्टेशनों ने भी पिछड़गया है, लेकिन ग्वालियरऔर मुरैना ने झाँसी को पीछे छोड़ दिया।
रेलमंत्री पीयूष गोयल ने गांधी जयंती पर तीसरे पक्ष द्वारा कराए गए इस नवीनतम सर्वेक्षण को जारी किया। पिछले वर्ष के सर्वे में भी राजस्थान का जोधपूर स्टेशन ही पहले नंबर पर रहा था, जबकि इस बार जयपुर ने उसका स्थान लेकर उसे दूसरे नंबर पर खिसका दिया है। इस बार राजस्थान के ही एक अन्य स्टेशन दुर्गापुरा को तीसरे सबसे स्वच्छ स्टेशन के तौर पर सर्वे में जगह मिली है। रेलवे जोन के हिसाब से ये तीनों स्टेशन उत्तर-पश्चिम रेलवे में आते हैं।
दूसरी ओर, उपसे संबंधित उत्तरमध्य रेलवे जोन, जिसका मुख्यालय इलाहाबाद में है, को सबसे अस्वच्छ स्टेशनों वाले जोन के रूप में फजीहत झेलनी पड़ी। इनमें प्रयाग स्टेशन को 76वां स्थान मिला है। जबकि इलाहाबाद 82वें व वाराणसी 86वें नंबर पर है। कानपुर सेंट्रल को 267वां तथा मडुआडीह को 272वां स्थान मिला है। 349 पर झांसी 385 पर महोबा और 398 पर बांदा स्टेशनकी रैंकिंग और भी बुरी है। मिर्जापुर को 404वां तथा फतेहपुर को 417वां व मानिकपुर को 424वां स्थान मिला है। धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण चित्रकूटधाम कर्वी 495वें, जबकि वैश्विक पर्यटन के लिहाज से सर्वाधिक अहम ताजनगरी से संबंधित आगरा कैंट स्टेशन 503वें पायदान पर है।
रेल मंत्रालय ने बुधवार को स्वच्छता सर्वे रिपोर्ट जारी की है। इसमें देश के 720 स्टेशनों को शामिल किया गया था। दिलचस्प बात ये है कि पिछली बार 75 स्टेशनों पर हुए स्वच्छता सर्वे में ग्वालियर की 73वीं रैंक आई थी। इसके बाद सफाई का नया ठेका 25 लाख रुपए प्रतिमाह पर दिया गया है। कर्मचारियों की संख्या भी बढ़ाकर करीब 110 कर दी गई। लेकिन स्वच्छता रैकिंग में ग्वालियर 144वीं रैंक हासिल कर सका।
उत्तर मध्य रेलवे की भी स्वच्छता रैकिंग में स्थिति कोई खासबेहतर नहीं है। हालत ये है कि 611 स्टेशनों पर हुए स्वच्छता सर्वे में उत्तर मध्य रेलवे को 591 वीरैंक मिली है। पश्चिम रेलवे को छोड़ दें तो बाकी सभी जोन उमरे से बेहतर स्थिति में हैं।