दो शहरों के बीच बनेगा सेमी-हाईस्पीड रेल कॉरिडोर, 532 किमी प्रोजेक्ट की लागत करीब 66 हजार करोड़ रुपए होगी…
तिरुवनंतपुरम: केरल सरकार ने हाल ही में 532 किलोमीटर लंबे SHSR (सेमी-हाईस्पीड रेल) कॉरिडोर के निर्माण की मंजूरी दे दी है। इस कॉरिडोर में चलने वाली ट्रेन की अधिकतम स्पीड भी वंदे भारत एक्सप्रेस (अधिकतम 200 किलोमीटर प्रति घंटा) के बराबर होगी। ये कॉरिडोर केरल के उत्तरी शहर कासरगोड से लेकर दक्षिणी शहर और केरल की राजधानी तिरुवनंतपुरम तक बनेगा और इसे पूरा करने का लक्ष्य साल 2024 है।
इस कॉरिडोर के बनने के बाद कासरगोड और तिरुवनंतपुरम के बीच की दूरी सिर्फ 4 घंटे में पूरी हो सकेगी, जिसके लिए अबतक 12 घंटे लगते थे। इस प्रोजेक्ट की लागत करीब 66 हजार करोड़ रुपए होगी।
राज्य सरकार के मुताबिक यात्री सुरक्षा को बढ़ावा देने, यातायात के सुगम साधनों को बढ़ावा देने, भीड़भाड़ और प्रदूषण को कम करने तथा पेट्रोलियम पदार्थों पर निर्भरता कम करने के मकसद से वो इसे बनवा रही है। इस मेगा प्रोजेक्ट का निर्माण KRDCL (केरल रेल डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड) करेगा, जो कि भारतीय रेलवे और केरल सरकार का संयुक्त उपक्रम है।
ये सेमी-हाई स्पीड रेल कॉरिडोर केरल के 14 में से 11 जिलों से होकर गुजरेगा और इस पर अधिकतम 200 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से ट्रेनें चल सकेंगी। राजधानी तिरुवनंतपुरम से लेकर कासरगोड तक बनने वाले इस कॉरिडोर में कुल 10 स्टेशन होंगे। जिनमें तिरुवनंतपुरम, कोल्लम, चेंगानुर, कोट्टायम, एर्नाकुलम (कोच्चि), थ्रिसुर, तिरुर, कोझीकोड, कन्नूर, और कासरगोड शामिल है।
सरकार का कहना है कि यह प्रोजेक्ट पूरी तरह पर्यावरण के अनुकूल होगा और 100 प्रतिशत ग्रीन प्रोजेक्ट होगा। प्रोजेक्ट की लागत फिलहाल करीब 66 हज़ार करोड़ रुपए है, जिसमें से 34,454 करोड़ रुपए लोन से आएंगे। जमीन अधिग्रहण पर राज्य सरकार 8656 करोड़ रुपए खर्च करेगी। इस प्रोजेक्ट को बनाने के लिए करीब 1200 हेक्टेयर जमीन की जरूरत होगी।
इसके निर्माण के दौरान जहां करीब 50 हजार लोगों को रोजगार मिलेगा, वहीं इसके बनने के बाद करीब 11 हजार नौकरियां तैयार होंगी।