चेन्नई को आखिरी 3 बॉल पर 5 रन चाहिए थे, तभी वॉटसन (80) रन आउट हो गए....
हैदराबाद : मुंबई इंडियंस इंडियन प्रीमियर लीग के 12वें सीजन का चैम्पियन बन गया। रविवार को हैदराबाद के राजीव गांधी स्टेडियम पर खेले गए फाइनल में उसने चेन्नई सुपरकिंग्स को 1 रन से हरा दिया। चेन्नई को दो रन आउट भारी पड़ गए। कप्तान महेंद्र सिंह धोनी को (2 रन) 13वें ओवर में ईशान किशन ने रन आउट किया। वहीं, शेन वॉटसन 59 गेंदों में 80 रन बनाने के बाद आखिरी ओवर की चौथी गेंद पर रन आउट हो गए। इसके बाद चेन्नई आखिरी 2 बॉल में 4 रन नहीं बना पाया और मुंबई चैम्पियन बन गया।
मुंबई अब आईपीएल की सबसे सफल टीम बन गई है। उसने पिछले 7 साल में चौथी बार यह खिताब जीता है। इससे पहले वह 2013, 2015 और 2017 में चैम्पियन बन चुका है। मुंबई ने 2017 में भी एक रन से फाइनल जीता था। तब उसने राइजिंग पुणे सुपरजाएंट्स को 1 रन से हराया था। यह तीसरा मौका है, जब उसने फाइनल में 150 रन से कम का स्कोर डिफेंड किया है। जसप्रीत बुमराह मैन ऑफ द मैच चुने गए। वे 2017 के फाइनल में भी मैन ऑफ द मैच बने थे।
इस मैच में मुंबई ने टॉस जीतकर बल्लेबाजी का फैसला किया। उसने 20 ओवर में 8 विकेट पर 149 रन बनाए। लक्ष्य का पीछा करने उतरी चेन्नई की टीम 20 ओवर में 7 विकेट पर 148 रन ही बना पाई। चेन्नई की ओर से शेन वॉटसन ने सबसे ज्यादा 80 रन बनाए। मुंबई की ओर से जसप्रीत बुमराह ने 2, जबकि क्रुणाल पंड्या, लसिथ मलिंगा और राहुल चाहर ने 1-1 विकेट लिए।
आईपीएल फाइनल में चौथी बार 150 से कम रन बनाकर कोई टीम चैम्पियन बनी। मुंबई ने यह कारनामा तीसरी बार किया है। उसने 2013 में 148 रन बनाकर चेन्नई सुपरकिंग्स को 23 रन से हराया था। इसके बाद 2017 में 129 रन बनाकर राइजिंग पुणे सुपरजाएंट्स को 128 रन पर रोक दिया था। मुंबई के अलावा 2009 के फाइनल में डेक्कन चार्जर्स ने 143 रन बनाकर रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु के खिलाफ 6 रन से जीत हासिल की थी।
इससे पहले मुंबई की ओर से कीरोन पोलार्ड ने सबसे ज्यादा नाबाद 41 रन बनाए। चेन्नई के लिए दीपक चाहर ने सबसे ज्यादा 3 विकेट लिए। मुंबई की ओर से रोहित शर्मा ने 14 गेंद पर 15, डीकॉक ने 17 गेंद पर 29 और सूर्यकुमार ने 17 गेंद पर 15 रन बनाए। क्रुणाल पंड्या 7 गेंद पर 7 रन ही बना पाए। हार्दिक पंड्या 10 गेंद पर 16 रन बनाकर आउट हुए। सुरेश रैना ने 18वें ओवर की दूसरी गेंद पर उनका कैच छोड़ दिया था। उस समय पंड्या 4 रन पर खेल रहे थे। राहुल चाहर बिना खाता खोले पवेलियन लौटे। वे अपने भाई दीपक चाहर की गेंद पर फाफ डुप्लेसिस के हाथों कैच आउट हुए।