बुंदेलखंड एक्सप्रेस सहित उत्तर मध्य रेलवे की कई ट्रेनों का बदलेगा समय...
झाँसी: रेलवे ने इस वर्ष समय सारिणी पहले की तरह 1 जुलाई से लागू किए जाने की तैयारी है। पिछले वर्ष यह 15 अगस्त और 2017 में 1 अक्टूबर से लागू किया गया था| लेकिन उससे पहले हर वर्ष समय सारिणी 1 जुलाई से ही बदलती थी। नई समय सारिणी में कई ट्रेनों - की रफ्तार बढ़ेगी। इसके साथ ही कुछ ट्रेनों को अलग-अलग स्टेशनों पर अतिरिक्त ठहराव दिया जाएगा। कुछ चुनिंदा ट्रेनों को विस्तार भी दिए जाएंगे|
उल्लेखनीय है कि फरवरी में पूर्व तटीय रेलवे के पुरी में इंडियन रेलवे टाइम टेबल को-ऑडिनेशन कमेटी (IRTTCC) के कांफ्रेंस में नए टाइम टेबल को लेकर विस्तृत रूपरेखा तैयार की जा चुकी है। तीन दिवसीय कांफ्रेंस में रेलवे बोर्ड के सदस्य ट्रैफिक गिरीश पिल्लई के साथ सभी रेल जोन के सीपीटीएम शामिल हुए थे। रेल सूत्रों के मुताबिक इस बैठक में कई नई ट्रेनों, कुछ स्पेशल ट्रेनों को नियमित करने का प्रस्ताव है। जिसमें जबलपुर-पुणे विशेष ट्रेन को नियमित करने, महाकोशल एक्सप्रेस का विस्तार अमृतसर तक, वहीँ देहरादून से जबलपुर वाया हरिद्वार एक नई ट्रेन का प्रस्ताव शामिल है।
उधर वाराणसी से ग्वालियर जाने वाली 11108 बुंदेलखंड एक्स्प्रेस के समय भी बदलाव किया गया है। बुंदेलखंड एक्सप्रेस अब वाराणसी से शाम 5.45 की बजाय शाम 4.40 बजे चलेगी। जो इलाहाबाद स्टेशन रात 10 बज की बजाय रात 8.55 एवं झांसी सुबह 07.05 की जगह सुबह 6.20 बजे ही पहुंच जाएगी और ग्वालियर 25 मिनट पहले 09:30 के स्थान 09:05 पर पहुचेगी| लेकिन अब समय वाराणसी से ग्वालियर 15 घंटे 45 मिनट के स्थान पर 16 घंटे से ज्यादा समय लेगी| ग्वालियर से वाराणसी जाने वाली 11107 बुंदेलखंड एक्सप्रेस के समय में कोई परिवर्तन नहीं किया गया है|
ग्वालियर-इटावा रूट पर बढ़ सकती है स्पीड...
उम्मीद की जा रही है कि गुना-ग्वालियर-इटावा रूट पर भी ट्रेनों की स्पीड बढाई जा सकती है, रेलवे पहले ही स्पीड टेस्ट कर चूका है| साथ ही इस रूट पर ट्रेनें भी बढाई जानी है|
ट्रेनों को उनके गंतव्य तक पहुंचने में औसतन 15-20 स्टेशनों पर रुकना पड़ता है। ऐसे में अगर एक स्टेशन पर दो मिनट की कटौती भी की गई तो करीब 20 से 30 मिनट का फर्क आ जाएगा। ऐसे में ट्रेनों की गति में हो रही लेटलतीफी में कुछ अंतर जरूर आएगा। सूत्रों की मानें तो नई समय सारिणी में लगभग चार हजार से अधिक मेल-एक्सप्रेस व पैसेंजर ट्रेनों का समयपालन 95 फीसदी तय किया है। रेलवे ने इसके लिए उनका ट्रेवल टाइम बढ़ा दिया है।