जानें-कौन हैं वो 20 कैंडिडेट, जो बने सिविल सर्विसेज 2019 (UPSC) के टॉपर...
नई दिल्ली: संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) ने सिविल सर्विसेज परीक्षा के नतीजे जारी किए हैं, जिसमें 759 परीक्षार्थियों ने सफलता हासिल की है| इनमें सामान्य कैटेगरी के 361, ओबीसी के 209, एससी के 128 और एसटी के 61 परीक्षार्थी शामिल हैं|
जयपुर के कनिष्क कटारिया ने इस परीक्षा में पहला स्थान हासिल किया और महिलाओं में वहीँ भोपाल की सृष्टि देशमुख सबसे आगे रहीं| इस बार शीर्ष 25 में 15 पुरुष परीक्षार्थी और 10 महिला परीक्षार्थी का नाम शामिल है|
इस परीक्षा में भोपाल की सृष्टि देशमुख ने ऑल इंडिया में पांचवी रैंक लेकर महिलाओं में अव्वल स्थान हासिल किया है। सृष्टि ने 2018 में केमिकल इंजीनियरिंग पूरी की और अब पहले ही प्रयास में इस परीक्षा को पास किया है।
23 वर्षीय सृष्टि ने कहा, बतौर सिविल सर्विसेंट मेरा फोकस स्कूल और शिक्षा पर होगा। महिला सशक्तीकरण पर भी काम करूंगी, क्योंकि जब एक महिला सशक्त होती है तो परिवार और कई पीढ़ियों संवर जाती हैं। आईएएस अफसर ही बनना था, इसलिए न कोई सीवी तैयार किया न किसी कैंपस प्लेसमेंट में हिस्सा लिया। मैं तैयारी करती चली गई, सफल हुई। जब आप तैयारी शुरू करते हैं तो कई आंकड़े आपके सामने आते हैं। मैंने टेस्ट सीरीज में पढ़ा था कि मप्र में 15 से 30 हजार स्कूल ऐसे हैं जहां सभी बच्चों के लिए सिर्फ एक टीचर है। यह बात मेरे दिमाग में घर कर गई। मैंने सोचा कि -- मैं इस स्थिति को बदलने के लिए क्या कर सकती हूं। यहीं से मोटिवेशन मिला। इंजीनियरिंग चुना ताकि बैकअप तैयार रहे।
ज्यादातर लोग सिविल सर्विसेस की तैयारी के लिए दिल्ली का रुख करते हैं। मैंने सोचा जब कॉलेज भोपाल से किया तो तैयारी भी यहीं से करूंगी। इस दौरान कभी स्टडी मटेरियल नहीं मिला तो कहीं कोचिंग क्लास नहीं मिली। मुझे इंटरनेट ने मदद की। नॉलेज, टेस्ट सीरिज, क्लासेस सबकुछ इंटरनेट पर है। इसलिए मैंने मप्र कैडर का प्रिफरेंस भरा था। जो रैंक आई है उससे मप्र कैडर में ही आईएएस अफसर बन जाऊंगी
सवाल- इतनी यंग हो, तो क्या चैलेंजेस हो सकते हैं और उन्हें कैसे फेस करोगे?
जवाब- यंग हूं, लड़की हूं तो शायद अपने फैसलों को मनवाना मेरे लिए चुनौतीपूर्ण होगा, लेकिन मैं उस पर होमवर्क करूंगी।