केरल के कोझिकोड जिले में रहस्यमय और घातक निपाह वायरस कहर बनकर टूटा है; जानें क्या है निपाह वायरस?
केरल के कोझिकोड जिले में रहस्यमय और घातक निपाह वायरस कहर बनकर टूटा है। केरल की स्वास्थ्य मंत्री केके शैलजा ने बताया कि चमगादड़ से फैलने वाले इस वायरस से अब तक तीन लोगों की जान जा चुकी है और एक का इलाज चल रहा है।
आठ अन्य लोगों के भी वायरस से संक्रमित होने की आशंका है, जिन पर निगरानी रखी जा रही है। हालांकि गैर-सरकारी सूत्रों के मुताबिक, इस बीमारी से अब तक 16 लोगों की मौत हो चुकी है।
मंत्री शैलजा ने बताया कि पिछले पखवाड़े इस वायरस की पहचान एक ही परिवार के तीन लोगों में हुई थी। सोमवार सुबह इन तीनों की मौत हो गई। इनमें 20 साल से कम उम्र के दो भाई थे। जिस व्यक्ति का अभी इलाज चल रहा है, वह उनका पिता है। उनके घर के कुएं में एक चमगादड़ पाया गया था। अब यह कुआं बंद कर दिया गया है। इस वायरस का वाहक चमगादड़ ही होता है।
हाई अलर्ट पर राज्य
पहली बार इस वायरस की चपेट में आए केरल को हाई अलर्ट पर रखा गया है और दो कंट्रोल रूम भी खोले गए हैं। हालात पर निगरानी रखने के लिए राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी) की उच्च स्तरीय टीम भी पहुंच गई है।
क्या है निपाह वायरस
यह इंसान तथा जानवरों में फैलने वाला नया संक्रमण है। 1998 के दौरान मलेशिया के कामपुंग सुनगेई निपाह में सबसे पहले इस वायरस की पहचान हुई। उस समय सुअरों को इसका कारण बताया गया था। हालांकि इसके बाद किसी में भी इसका लक्षण नहीं मिला। बांग्लादेश में 2004 में यह वायरस फैला। इस बार इसका कारण संक्रमित चमगादड़ के खाए फलों का सेवन करना पाया गया। भारत में सबसे पहले यह वायरस जनवरी 2001 में पश्चिम बंगाल में फैला था जबकि अप्रैल 2007 में पश्चिम बंगाल के नादिया तक पहुंच गया था।
वायरस के लक्षण
वायरस से प्रभावित व्यक्ति को सांस लेने में दिक्कत आती है। तेज बुखार और दिमाग में जलन, आलस आना, भूल जाना, कनफ्यूजन रहना जैसे लक्षण महसूस होते हैं।