तीन माह बाद सीआरएस ने दी माल गोदाम को मई तक रायरू शिफ्ट करने की अनुमति...
ग्वालियर: रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नम्बर-4 के बाहर बना माल गोदाम मई तक रायरू में शिफ्ट हो जाएगा। इसके लिए झांसी मंडल द्वारा मुख्य संरक्षा आयुक्त के पास जो प्रस्ताव भेजा गया था, उसे मुख्य संरक्षा आयुक्त ने स्वीकृति दे दी है। उधर 55 करोड़ रुपए की लागत से तैयार किए जा रहे नए माल गोदाम का काम 90 फीसदी पूरा हो गया है। अभी वहां स्लीपर डालने व सिग्नल का काम किया जा रहा है। इस काम को पूरा करने का लक्ष्य रेलवे ने इस महीने के अंत तक रखा है। यार्ड को मेन लाइन से जोड़ने के लिए ब्लॉक लेकर कर्मचारी काम कर रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि रेलवे बोर्ड के चेयरमैन अश्विनी लोहानी ने 12 सितम्बर को ग्वालियर स्टेशन का निरीक्षण किया था। इस दौरान उन्होंने माल गोदाम को मार्च तक शिफ्ट करने के निर्देश दिए थे। उनके आदेश के बाद ही नए माल गोदाम को बनाने का काम तेज किया गया, लेकिन अब यह माल गोदाम मई तक ही शिफ्ट हो पाएगा।
अभी ग्वालियर स्टेशन पर चार प्लेटफार्म हैं, लेकिन माल गोदाम के रायरू में शिफ्ट होने से पांचवां व छठवां प्लेटफार्म और एक अतिरिक्त वाशिंग पिट बनेगी। इसमें ट्रेनों के कोचों का मेंटेनेंस होगा। मालगाड़ी निकालने के लिए भी एक ट्रैक अलग से तैयार किया जाएगा। इससे यात्री ट्रेनों का संचालन प्रभावित नहीं होगा। इसके साथ ही सर्कुलेटिंग एरिया को मास्टर प्लान बनाकर विकसित करने की योजना बनाई जाएगी। तीसरी लाइन के बाद चौथी लाइन भी माल गोदाम की ओर डाली जाएगी। नए प्लेटफार्म का काम शुरू करने से पहले छोटी लाइन को भी ग्वालियर से बंद किया जायेगा| यात्रियों को सबलगढ़ और श्योपुर जाने के लिए घोसीपुरा स्टेशन से ट्रेन मिलेगी|
ग्वालियर स्टेशन देश के चुनिंदा स्टेशनों में शुमार होगा। स्टेशन एयरपोर्ट की तर्ज पर तैयार होगा। इसकी जिम्मेदारी इंडियन रेल्वे स्टेशन डवलपमेंट कॉर्पोरेशन (आईआरएसडीसी) को दी गई है। कॉर्पोरेशन अभी हबीबगंज स्टेशन को डवलप करने का काम शुरू कर दिया है। जबकि ग्वालियर का डिजाइन तैयार हो चुका है। नए प्लान के तहत बजरिया की सभी दुकानें हटाई जाएंगी। तानसेन रोड की तरफ से प्लेटफार्म नंबर को बेहतर ढंग से विकसित किया जाएगा। एयरपोर्ट की तर्ज पर स्टेशन का विकास होने से यात्रियों के लिए सुविधाएं बढ़ जाएंगी। सुरक्षा व्यवस्था के भी पुख्ता इंतजाम रहेंगे। यह बात झांसी मंडल के सीनियर डीसीएम विपिन कुमार ने बताई। उनका कहना था कि स्टेशन का डवलप करने के लिए ले-आउट तैयार हो चुका है। बस इसके लिए आईआरएसडीसी के साथ बैठक होना बाकी है।
प्लेटफार्म नम्बर-4 के बाहर स्थित पार्किंग में कम ही वाहन खड़े किए जाते हैं। सबसे अधिक सर्कुलेटिंग एरिया में वाहन पार्क किए जाते हैं। इससे ट्रेनों के आवागमन के समय यातायात प्रभावित होता है। ऑटो से जाने वाले यात्रियों को सबसे ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ता है, लेकिन माल गोदाम के शिफ्ट होने के बाद यहां एक मल्टीलेवल पार्किंग बनाई जाएगी, जिससे व्यवस्थित ढंग से वाहन खड़े हो सकें।