निजी बसों में भी दिव्यांगों को किराए में 50 प्रतिशत की छूट; इ-अटेंडेंस व्यवस्था लागू...
भोपाल/ग्वालियर: बस में यात्रा करने वाले दिव्यांगों की परिवहन विभाग अब बड़ी रियायत देने जा रहा है। 2 मार्च से निजी बसों में भी यात्रा करने वाले दिव्यांगों को किराए में 50 प्रतिशत की छूट मिलेगी। प्रत्येक बस में दिव्यांगों के लिए पांच सीटें आरक्षित की जाएंगी। शुक्रवार को परिवहन विभाग ने पूरे दिन सड़क और स्टैंड में खड़ी बसों में सीटों पर आरक्षित लिखवाया।
सरकार ने दिव्यांगों को यात्रा के दौरान किराया में रियायत देने की बात कही थी। राज्य सरकार से अधिसूचना जारी होने के बाद परिवहन विभाग इसके पालन में लग गया है। मार्च से दिव्यांगों को सभी निजी बसों में 50 प्रतिशत तक किराया लगेगा। इसके लिए दिव्यांगों को यात्रा के दौरान मेडिकल बोर्ड से जारी दिव्यांगता प्रमाण पत्र दिखाना होगा। दिव्यांगो को रियायत नहीं देने पर बस संचालकों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
इससे पहले दिव्यांगों को रेलवे में यात्रा के दौरान किराए में पचास प्रतिशत तक रियायत एवं सीट पर आरक्षण मिलता था, लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों व सड़क मार्ग में यह व्यवस्था नहीं होने से दिव्यांगों को परेशानी उठानी पड़ती थी।
योजना के तहत दिव्यांगों को लाभ दिलाने के लिए शुक्रवार को पूरे दिन परिवहन विभाग ने विशेष अभियान चलाया। इसमें सभी बस स्टैंड में जाकर बस ऑपरेटरों को इस संबंध में जानकारी दी गई। साथ ही प्रचार प्रसार के लिए बनैर-पोस्टर लगाए गए
क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी मनीष त्रिपाठी ने बताया कि दिव्यांगों के लिए बसों में आरक्षित सीट की जानकारी लिखवाई जा रही है। 5 मार्च तक सभी बसों में सीटें आरक्षित हो जाएंगी।
परिवहन विभाग में 1 मार्च से इ-अटेंडेंस की सुविधा भी लागू कर दी है दिव्यांग कर्मचारी अब बायोमैट्रिक मशीन से अटेंडेंस लगाएंगे
दूसरी तरफ ग्वालियर में दिव्यांगों को मदद पहुंचाने का कार्य छात्र-छात्राओं द्वारा किया जा रहा है, इसके लिए उन्हें दिव्यांगों के लिए संचालित विभिन्न संस्थाओं द्वारा विशेषज्ञों के माध्यम से प्रशिक्षण दिलाया जाता है, जिसमें सभी छात्र-छात्राओं को पहले दिव्यांग बच्चों से मिलवाया जाता है, फिर उनकी मदद करने के तरीके सिखाए जाते हैं।
वरिष्ठ समाजसेवी ओपी दीक्षित ने एक्सपोज से चर्चा के दौरान बताया कि मानसिक मंदित, श्रवण बाधित, अस्थि बाधित एवं अन्य किसी रूप से दिव्यांग बच्चों की शैक्षणिक व्यवस्थाओं में सुधार और उनके पुनर्वास के लिए शहर में रोशनी, अमर ज्योति, आत्म ज्योति, शासकीय मूक बधिर माध्यमिक विद्यालय और माधव अंधाश्रम जैसी संस्थाएं संचालित की जा रही हैं। इन संस्थाओं में भर्ती बच्चों की मदद के लिए छात्र-छात्राओं को प्रशिक्षण दिया जाता है, जिसमें दिव्यांगों की गतिविधियों के बारे में अवगत कराया जाता है। छात्र-छात्राएं भी नि:शक्त बच्चों के साथ समय गुजारकर उनकी भावनाओं को समझते हैं। प्रशिक्षण शिविरों के दौरान विशेषज्ञों द्वारा समावेशित शिक्षा की अवधारणा से परिचित कराया जाता है। विशेषज्ञों द्वारा नि:शक्तजनों की मदद करने की प्रक्रिया समझाई जाती है। प्रशिक्षण के पश्चात छात्र-छात्राओं द्वारा इन संस्थाओं में पहुंचकर नि:शक्तजनों की मदद करने का कार्य किया जा रहा है।