इस वर्ष महाशिवरात्रि का पर्व शुक्रवार 21 फरवरी 2020 को मनाया जाएगा...
इस वर्ष महाशिवरात्रि का पर्व 21 फरवरी शुक्रवार को मनाया जाएगा। 59 वर्ष के बाद महाशिवरात्रि, सर्वसिद्धि, अमृत योग में मनाई जाएगी। यह योग लोगों को भौतिक सुखों में उन्नति व वृद्धि दिलाएगा। यह दिन भगवान भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए सबसे अधिक शुभ होता है। महाशिवरात्रि पर कालसर्प दोष पूजा का सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त भी है। जिन व्यक्तियों को कालसर्प दोष है, उन्हें इस संयोग में दोष की शांति कराना श्रेष्ठ होगा।
महाशिवरात्रि पर्व पर चंद्र शनि की मकर राशि में युति के साथ पंच महापुरुष में शश योग भी बन रहा है। आमतौर पर श्रवण नक्षत्र में आने वाली शिवरात्रि में मकर राशि के चंद्रमा का योग बनता है, लेकिन 59 वर्ष बाद शनि के मकर राशि में होने से तथा चंद्र का संचरण अनुक्रम में शनि के वर्गोत्तम अवस्था में शश योग का संयोग बन रहा है, क्योंकि चंद्रमा मन तथा शनि ऊर्जा का कारक ग्रह यह योग साधना सिद्धि के साथ भगवान भोलेनाथ के साथ मां पार्वती की कृपा प्राप्त करने के लिए विशेष महत्व रखता है|
मान्यता है कि भगवान शंकर को रुद्रा-अभिषेक के पाठ से प्रसन्नता मिलती है। शिवरात्रि के दिन पानी, गंगाजल, दूध और शहद से शिव जी अभिषेक करें| बेर और बेलपत्ते भगवान शिव को अर्पित करें| इसके बाद धुपबत्ती और दीपक प्रजलित करें| शुक्रवार को शिवरात्रि होने से इस दिन सुख समृद्धि के लिए भगवान शिव को अटूट चावल यानी अक्षत अर्पित करना चाहिए इससे आत्मा को भी बल मिलता है और भय से मुक्ति मिलती है।
भगवन शिव के वाहन नंदी की भी पूजा की जाती है। शिवरात्रि वाले दिन बैल अथवा सांड को हरा चारा, गुड़ आदि खिलाने से जीवन में आने वाला बड़े से बड़ा संकट भी टल जाता है।
शिवरात्रि वाले दिन रात के समय किसी ऐसे शिव मंदिर में जो निर्जन स्थान पर स्थित हो, वहां जाकर साफ-सफाई कर पूजा-अर्चना करें, दीपक जलाएं। इससे शिव अत्यंत प्रसन्न होते है साथ ही जीवन में आने वाली सभी समस्याएं दूर हो जाती है।
शिवरात्रि वाले दिन भगवान शिव का गन्ने के रस से अभिषेक करने से धन-सम्पदा में बढोत्तरी होती है।
यदि लम्बे समय से कोई व्यक्ति किसी गंभीर रोग से पीड़ित व्यक्ति यदि भगवान शिव को शिवरात्रि के दिन शिवलिंग पर काले तिल चढ़ाना चाहिए।