कांग्रेस और जेडीएस के बीच डिप्टी सीएम को लेकर घमासान, विवाद में कूदी वीरशैव महासभा
बेंगुलुर: कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बनाने जा रही जेडीएस की राह आसान नहीं है। बेशक कांग्रेस ने जेडीएस को बिना शर्त समर्थन दिया है लेकिन इसके बावजूद उसके अंदर से ही उप-मुख्यमंत्री पद को लेकर गहमा-गहमी चल रही है।
एचडी कुमारस्वामी जहां राज्य के मुख्यमंत्री बनने वाले हैं वहीं यह मांग उठ रही है कि किसी लिंगायत विधायक को डिप्टी सीएम का पद दिया जाए। वर्तमान में कांग्रेस के पास 18 जबकि जेडीएस के पास 4 लिंगायत विधायक हैं।
अब इस मामले में अखिल भारतीय वीरशैव महासभा भी कूद गया है। उसने कुमारस्वामी को पत्र लिखकर मांग की है कि कांग्रेस के शमानुरु शिवशंकरप्पा को नई सरकार की कैबिनेट में गृहमंत्री का पद दिया जाए। शिवशंकरप्पा वीरशैव समुदाय के नेता हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार उत्तर प्रदेश की तर्ज पर कर्नाटक में दो डिप्टी सीएम बनाने की कवायद शुरू हो गई है। कांग्रेस और जेडीएस दोनों ही अपने-अपने विधायक को डिप्टी सीएम का पद देना चाहते हैं।
याद रहे कि दिल्ली में भी कांग्रेस ने बिना शर्त आम आदमी पार्टी को समर्थन दिया था और सरकार केवल 47 दिन चली थी| उस समय कांग्रेस के पास केवल आठ विधायक थे जबकि अब तो वह बड़ी पार्टी अब क्या होगा
सूत्रों के अनुसार कांग्रेस ने निर्णय ले लिया है कि वह डिप्टी सीएम का पद किसी दलित विधायक को देगी।
ऐसा माना जा रहा है कि कांग्रेस राज्य की 33 सदस्यों वाली कैबिनेट में अपने पास 20 मंत्रालय रखेगी। हालांकि 20 सीटों के बावजूद कांग्रेस का कैबिनेट में प्रतिनिधित्व कम ही रहेगा। कांग्रेस के पास राज्य की 78 सीटें हैं जबकि जेडीएस के पास 37 विधायक हैं। मुख्यमंत्री पद के अलावा जेडीएस अपने पास महत्वपूर्ण मंत्रालय जैसे कि वित्त, पीडब्ल्यूडी और सिंचाई विभाग को रखना चाहता है।