पैसा आज के जमाने में बहुत कुछ है लेकिन सब कुछ नहीं….
सबसे पहले मैं आपको अपना परिचय दे दूं
मैं हूँ पैसा…
- मैं नमक की तरह हूँ, जो जरुरी तो है मगर जरुरत से ज्यादा हो तो जिंदगी को खाने की तरह स्वादरहित कर देता हूँ|
- मैं ईश्वर नहीं मगर लोग मुझे उससे कम भी नहीं मानते|
- मुझे आप मरने के बाद अपने साथ ऊपर नहीं ले जा सकते, लेकिन जिंदगी में आपको बहुत ऊपर ले जा सकता हूँ|
- मैं नई-नई रिश्तेदारियां बनबाता हूँ, लेकिन असली, सच्ची और पुरानी रिश्तेदारी बिगाड़ भी देता हूँ|
- मैं कुछ भी नहीं हूँ, लेकिन मैं यह निर्धारित करता हूँ कि आप क्या हैं और लोग आपको कितनी इज्जत देते हैं|
- मुझे पसंद करो सिर्फ इस हद तक कि लोग आपको नापसंद न करने लगें|
- मेरे लिए सब पागल हैं लेकिन सारे फसाद की जड़ भी मैं ही हूँ|
- मैं कोई शैतान नहीं हूँ फिर भी लोग मेरे कारण गुनाह करते हैं और अपराधी बन जाते हैं|
- मैं पति-पत्नी के बीच वो (तीसरा व्यक्ति) नहीं हूँ फिर भी मेरे कारण पति-पत्नी आपस में झगड़ते हैं|
- मैंने आज तक कभी किसी के लिए बलिदान नहीं दिया लेकिन कई लोग मेरे लिए अपनी जान दे रहे हैं|
- मैं आपको सब-कुछ दे सकता हूँ लेकिन आपकी उम्र नहीं बढ़ा सकता|
- मैं आपके साथ ऊपर नहीं जाऊंगा, वहां केवल आपके सत्कर्मों की पूँजी और पाप का घड़ा आपके साथ जायेगा|
- इसलिए अंत मैं आपको याद दिला दूं कि मैं भगवान नहीं हूँ, और मेरा सही या गलत ढंग से उपयोग ही आपको महान/बदनाम बना सकते हैं...