रेलवे के चीफ इंजीनियर नाराज़; कहा - जमीन अधिग्रहण के लिए पैसा भी दिया फिर भी पटरी पर नहीं आ रही ब्रॉडगेज योजना
ग्वालियर: श्योपुर-ग्वालियर ब्रॉडगेज लाइन का काम मुरैना में कलेक्टर के दिलचस्पी नहीं लेने के कारण शुरू नहीं हो पा रहा। रेलवे ने पत्र जारी कर यह बात बताई है। उत्तर मध्य रेलवे इलाहबाद के चीफ इंजीनियर के जरिए एक शिकायती आवेदन के बाद भेजे गए इस पत्र में लिखा है कि -- मुरैना कलेक्टर जमीनका अधिग्रहण नहीं कर रहे। रेलवे ने आगे कहा है, कि जिला प्रशासन पर हमारा कोई होल्ड नहीं, हमकुछ नहीं कर सकते।
गौरतलब है, कि ग्वालियर-श्योपुर नैरोगेज लाइन को ब्रॉडगेज लाइन में तब्दील कर कोटा तक विस्तार करने की योजना को केंद्र सरकार हरी झंडी दे चुकी है। एक साल पहले इस योजना के लिए 540 करोड़ रुपए का बजट भी दिया है। योजना के लिए सबसे पहले रेलवे को जमीन चाहिए, इसलिए रेलवे ने श्योपुर और मुरैना जिले 100-100 करोड़ रुपए देने पर सहमति एक साल पहले ही जताई थी। रेलवे ने इसके लिए मुरैना व श्योपुर कलेक्टरों को अब तक 5-5 प्रस्ताव भेजे हैं।
रेलवे पहले चरण में ग्वालियर से सबलगढ़ तक के ट्रैक को परिवर्तित करेगी। वहीं दूसरे चरण में सबलगढ़ से श्योपुर तक की पटरियों को बदला जाएगा। इसीलिए रेलवे को सबसे पहले मुरैना जिले में जमीन चाहिए। मुरैना जिले के 63 गांवों में करीब 260 हेक्टेयर जमीनका अधिग्रहण होना है। इनमें से 07 गांवों में हेक्टेयर जमीन अधिग्रहित हुई है। जिस पर रेलवे ने सामान पटकना शुरू कर दिया है। लेकिन अभी तक काम शुरू नहीं हुआ, रेलवे इसके लिए मुरैना जिला प्रशासन को दोष दे रहा है।
श्योपुर में भी सुस्त चाल
इस प्रोजेक्ट के लिए जमीन अधिग्रहण करने में श्योपुर जिला प्रशासन भी सुस्त चाल में है। श्योपुर के 44 गांवों में जमीन अधिग्रहण होना है। इनमें से अभी तक करीब 30 गांवों के प्रस्ताव ही तैयार हुए हैं। बाकी के तो ही नहीं हुए। इसके बाद यह प्रस्ताव जमीन मालिकों को भेजकर उनकी जमीन ली जाएगी।
प्रशासन के इस रवैये से रेलवे खाफी नाराज़ हैं| सूत्रों के अनुसार वरिष्ठ अधिकारियों को इस संबंध में जानकारी दे दी गई है|