एक महीने से यार्ड में धूल खा रहे एलएचबी कोच; दूसरा जनरेटर कार आया तो पहला वाला हो गया खराब
ग्वालियर: उत्तर मध्य रेलवे जल्द ही ग्वालियर से चलने वाली चंबल एक्सप्रेस में नये डिजाइन के एलएचबी कोच (हॉफमैन बुश कोच) लगाने जा रहा है। इसके लिए एक माह पहले रेलवे यार्ड में स्लीपर कोच के साथ एसी कोच भी आ चुके हैं लेकिन ट्रेन को चलाने के लिए दो जनरेटर कार की आवश्यकता होती है। एक जनरेटर कार पिछले दिनों यहां पर आ गया था, लेकिन जब दूसरा जनरेटर कार आया तो पहले जनरेटर कार में दिक्कत आ गई। जिस कारण ट्रेन संचालित नहीं हो पा रही है। यह सभी आधुनिक कोच रेल रायबरेली से तैयार होकर पिछले महीने ग्वालियर थे|
झांसी मंडल पीआरओ मनोज कुमार सिंह का कहना है कि -- चंबल एक्सप्रेस को चलाने के लिए एलएचबी कोच के स्लीपर और एसी कोच आ चुके हैं, लेकिन दो में से एक जनरेटर कार कुछ कमी के चलते अभी इसे नहीं चलाया जा सकता। जल्द ही रायबरेली से कंपनी का प्रतिनिधि आकर इस जनरेटर कार को सुधारेगा।
ग्वालियर से चलने वाली सभी ट्रेनों में भविष्य में एलएचबी कोच लगाने की प्लानिंग है। अभी केवल ग्वालियर-अहमदाबाद एक्सप्रेस एलएचबी रेक से चल रही| अब चंबल एक्सप्रेस को एलएचबी कोचों से चलाया जायेगा। एलएचबी के सभी कोच पिछले दिनों ही ग्वालियर आ चुके हैं और यह स्टेशन के यार्ड मे खड़े किए गए हैं। रेलवे सूत्रों की माने तो 15 जनवरी तक चंबल एक्सप्रेस में लगाकर शुरू करना है।
सूत्रों के अनुसार चम्बल एक्सप्रेस के पुराने रेक को पश्चिम रेलवे को रतलाम डिवीज़न को भेजा जायेगा| इस रेक से शिप्रा एक्सप्रेस हफ्ते में 6 दिन चलेगी| लेकिन शिप्रा एक्सप्रेस के फेरे बढ़ाने में एक समस्या है की शिप्रा और चम्बल एक्सप्रेस का समय मानिकपुर से हावड़ा एक ही है| इसलिए ऐसा माना जा रहा है एक नई ट्रेन इंदौर से हावड़ा सप्ताह में दो दिन वाया गुना और सप्ताह में एक दिन वाया नागपुर चलने की तैयारी है|
चम्बल एक्सप्रेस के पुराने रेक से भिंड-भोपाल एक बीच एक नई ट्रेन भी चलाई जा सकती है|