छत्तीसगढ़ में कांग्रेस को दो तिहाई बहुमत लेकिन मध्यप्रदेश और राजस्थान में बहुमत से 2-2 सीटें कम|
नई दिल्ली: सियासत में किस्मत पलटने के लिए एक दिन काफी होता है। सोमवार तक राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ पर हुकूमत कर रही भारतीय जनता पार्टी को मंगलवार को जबरदस्त झटका लगा।
राहुल गांधी की अगुवाई वाली कांग्रेस ने न केवल भगवा दल के तीन महत्वपूर्ण गढ़ ढहा दिए, बल्कि थोड़े उतार-चढ़ाव के साथ 2013 से जारी उसके अश्वमेध पर भी रोक लगा दी। उधर, तेलंगाना और मिजोरम में दोनों राष्ट्रीय पार्टियों को मायूसी हाथ लगी है।
राजस्थान में सरकार बदलने का ट्रेंड जारी
भाजपा तमाम कोशिशों के बावजूद राजस्थान में हर पांच साल में सरकार बदलने की परंपरा को नहीं तोड़ पाई। पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट की अगुवाई में कांग्रेस ने वसुंधरा राजे सरकार को मात दे दी। देर शाम, मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने राज्यपाल को अपना इस्तीफा भी सौंप दिया। कांग्रेस वैसे तो दो सीटों से बहुमत से रह गई लेकिन उसे केवल एक सीट की आवश्यकता है क्योंकि यहाँ एक सीट पर वोटिंग नहीं हुई थी|
मध्य प्रदेश में कांटे का मुकाबला
सबसे रोचक मुकाबला मध्य प्रदेश में रहा। यहां भाजपा-कांग्रेस के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिली। राज्य में किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं मिला| लेकिन यहाँ भी राजस्थान की कांग्रेस के पास केवल दो सीटें कम हैं| ऐसे में बसपा, सपा और निर्दलीय विधायक किंगमेकर हो सकते हैं।
छत्तीसगढ़ में कांग्रेस को दो तिहाई बहुमत
छत्तीसगढ़ में कांग्रेस ने दो-तिहाई बहुमत से जीत हासिल कर 15 साल से सत्तारूढ़ भाजपा को बाहर कर दिया है। यहां पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी का भी करिश्मा काम नहीं कर पाया। देर शाम मुख्यमंत्री रमन सिंह ने राज्यपाल को इस्तीफा भी सौंप दिया है।
तेलंगाना में पहले चुनाव की रणनीति काम आई
तेलंगाना में समय से पहले चुनाव करवाने की चंद्रशेखर राव की रणनीति काम आई और उनकी पार्टी टीआरएस दो-तिहाई बहुमत से ज्यादा सीटें जीती।
मिजोरम में कांग्रेस ने गवाई सरकार
मिजोरम में दस साल बाद कांग्रेस ने मिजो नेशनल फ्रंट के हाथों सत्ता गंवा दी है। कांग्रेस को यहां केवल पांच सीटें मिलीं है