जून में शुरू होना था, रेलवे ने कहा - 105 करोड़ देने के बाद भी जमीन का अधिग्रहण नहीं कर रहे ज़िला अधिकारी
ग्वालियर। ग्वालियर-श्योपुर नैरोगेज लाइन को ब्रॉडगेज में बदलने का काम जून माह से शुरू होना था, लेकिन अभी तक काम शुरू नहीं हो पाया है। उत्तर मध्य रेलवे के झांसी मंडल ने इसको लेकर तैयारियां भी शुरू कर दी थीं, लेकिन जमीन का अधिग्रहण नहीं पाने से इस लाइन पर काम शुरू नहीं हो पाया है।
अधिकारियों के अनुसार सबसे पहले मुरैना जिले में सबलगढ़ से जौरा के बीच बड़ी लाइन बिछाने का काम होगा। दूसरे चरण में जौरा से ग्वालियर के बीच काम होगा। श्योपुर से सबलगढ़ तक का काम अंतिम चरण में किया जाएगा। गौरतलब है कि श्योपुर-ग्वालियर 200 कि.मी. लंबी नैरोगेज लाइन को ब्रॉडगेज बनाने की मांग बीते 35 साल से की जा रही है।
साल 2010 में यूपीए सरकार ने इस प्रोजेक्ट को मंजूरी दी थी, लेकिन मोदी सरकार ने 2014 में मंजूरी को रद्द कर दिया था। इसके बाद साल 2016 में मोदी सरकार ने इसे दोबारा मंजूर किया और मार्च 2017 में प्रोजेक्ट के लिए 540 करोड़ रुपए का बजट भी स्वीकृत किया था। ब्रॉडगेज लाइन पर तीन हजार करोड़ रुपए का खर्च आंका गया है।
पहली किश्त के तौर पर मिले 540 करोड़ रुपए से झांसी रेल मंडल ने मई 2017 से ब्रॉडगेज के लिए कार्रवाई शुरू कर दी थी। रेलवे के निर्माण विभाग के अनुसार ग्वालियर-श्योपुर रेल लाइन को पूरा करने के लिए सात साल की समयावधि तय की गई है। यदि कोई अड़चन नहीं आई तो 2025-26 में इस मार्ग पर बड़ी रेल चलना शुरू हो जाएगी।
श्योपुर जिलाधीश ने नहीं की अभी तक रेलवे से चर्चा
रेलवे अधिकारियों की मानें तो श्योपुर जिलाधीश ने अभी तक रेलवे से कोई चर्चा नहीं की है। इसके चलते वर्तमान में श्योपुर में कोई भी काम शुरू नहीं हो पाया है। उधर मुरैना, कैलारस, सबलगढ़ में जमीनी स्तर पर काम शुरू कर दिया गया है, साथ ही जमीनों का अधिग्रहण भी किया जा रहा है। छोटी लाइन को बड़ी लाइन में बदलने के लिए रेलवे को बानमोर व कैलारस क्षेत्र में किसानों की निजी जमीन के अधिग्रहण की जरूरत महसूस हो रही है।