गवर्नर एनएन वोहरा ने एक्ट को दी मंजूरी, इसके साथ ही अब यह कानून रियासत में लागू हो गया है।
जम्मू | रियासत में नाबालिगों के साथ रेप पर मौत की सजा को राज्यपाल ने मंजूरी दे दी है। इसके साथ ही अब यह कानून रियासत में लागू हो गया है। राज्यपाल एनएन वोहरा ने जम्मू-कश्मीर आपराधिक कानून (संशोधन) अध्यादेश- 2018 तथा जम्मू-कश्मीर बच्चों के प्रति यौन हिंसा संरक्षण अध्यादेश- 2018 को मंजूरी दी।
इसके लिए रणबीर दंड संहिता और आपराधिक प्रक्रिया संहिता और साक्ष्य अधिनियम में संशोधन किया गया है। राज्यपाल ने इन आदेशों का कड़ाई से पालन करने और ऐसे सभी मामलों की लगातार निगरानी करने को कहा है।
अध्यादेश के अनुसार 16 वर्ष से कम आयु की नाबालिग से बलात्कार करने पर 20 साल तक कड़ी कारावास का प्रावधान किया गया है। इसे आजीवन कारावास तक बढ़ाया जा सकता है। 12 वर्ष से कम उम्र की नाबालिग से बलात्कार पर मौत की सजा मिलेगी।
16 वर्ष से कम आयु की महिला से सामूहिक बलात्कार पर आजीवन कारावास 12 वर्ष से कम उम्र की नाबालिग से गैंग रेप पर मौत की सजा का प्रावधान किया गया है। मामले की जांच दो महीने के भीतर पूरी करनी होगी।
यदि इसमें किसी प्रकार की देरी होती है तो उसकी सूचना हाई कोर्ट को देनी होगी। इन मामलों में पब्लिक प्रोसीक्यूटर को सुने बगैर जमानत किसी भी सूरत में नहीं मिलेगी। जम्मू-कश्मीर बच्चों के प्रति यौन हिंसा संरक्षण अध्यादेश के अनुसार यह बच्चों को यौन उत्पीड़न अश्लील साहित्य के अपराधों से बच्चों की सुरक्षा प्रदान करता है।
अध्यादेश अपराध और यौन उत्पीड़न से संबंधित राज्य दंड संहिता के विभिन्न प्रावधानों के तहत वैकल्पिक दंड प्रदान करता है। अध्यादेश में चाइल्ड फ्रेंडली रिपोर्टिंग, साक्ष्य की रिकॉर्डिंग, जांच और अपराधों के परीक्षण से संबंधित प्रावधान हैं।
इसमें ऐसे अपराधों के त्वरित परीक्षण के लिए विशेष न्यायालयों की स्थापना का प्रावधान किया गया है। यह सभी शैक्षिक संस्थानों के लिए अनिवार्य किया गया है जिससे बच्चों की सुरक्षा और सुरक्षा सुनिश्चित होगी। किसी भी प्रकार के यौन शोषण के लिए उन्हें बेनकाब नहीं करना है।