जानें, कब है सावन की शिवरात्रि, क्या है व्रत का महत्व और पूजा का शुभ मुहूर्त...
सावन शिवरात्रि को काँवर यात्रा भी कहा जाता है, जो मानसून के श्रावण (सावन) के महीने मे आता है। अंग्रेजी महीने के अनुसार जुलाई-अगस्त में सावन की शिवरात्रि मनाई जाती है:
हिंदू तीर्थ स्थानों हरिद्वार, गौमुख व गंगोत्री, सुल्तानगंज में गंगा नदी, काशी विश्वनाथ, बैद्यनाथ, नीलकंठ और देवघर सहित अन्य स्थानो से गंगाजल भरकर लाखों की तादाद में कांवडिये अपने - अपने स्थानीय शिव मंदिरों में इस पवित्र जल को लाकर चढ़ाया जाता है।
गंगा के पवित्र जल को लाया और भगवान शिव पर अर्पित किया, इस प्रकार समुन्द्रमंथन के दौरान निकले जहर की नकारात्मक ऊर्जा भगवान शिव से दूर हुई।
कहते हैं कि यदि कोई भक्त पूरी श्रद्धा और भक्ति के साथ भगवान शिव की अराधना करता है तो भगवान उसकी सभी मनोकामनाएं पर्ण करते हैं। साल में एक महीना ऐसा आता है जिसे सावन का महीना कहते और इस महीने में भक्त भोले बाबा का नाम जपते हैं।
भोले बाबा सभी देवो में सबसे सरल और भोले माने गए हैं। इन्हें हिंदू धर्म में बड़ी श्रद्धा के साथ पूजा जाता है। सावन के महीने में भक्त 16 सोमवार व्रत के साथ साथ सावन की शिवरात्रि का भी व्रत रखते है।
सावन शिवरात्रि का महत्व
प्रति वर्ष 12 शिवरात्रि मनाई जाती है लेकिन सभी में दो शिवरात्रि सबसे खास होती है। जिसमें से महाशिवरात्रि और सावन की शिवरात्रि मनुष्य के सभी पाप को धो देती है। ऐसे में सावन की शिवरात्रि का बड़ा ही महत्व है क्योंकि इसमें व्रत रखने वालों के पाप का नाश होता है और कुवारें लोगों को मनचाहा वर या वधु मिलता है। वहीं, दांपत्य जीवन में प्रेम की प्रगाढ़ता बढ़ती है।
पूजा की तिथि व शुभ मुहूर्त 2019 में
सावन शिवरात्रि 29-30 जुलाई 2019 को मनाई जाएगी। इस दिन शिवरात्रि निशिथ काल पूजा का समय सोमवार मध्यरात्रि के बाद (यानि 29-जुलाई ) 12:09 से 01:00 तक होगा। मुहूर्त की अवधि कुल 51 मिनट की है।
वहीं 30 तारीख को सावन शिवरात्रि पारण का समय सुबह 05:51 से दोपहर बाद 15:42 तक होगा।