मेहमान टीम करेगी फैसला कि उसे बेटिंग करना या बोलिंग
मुंबई| क्रिकेट में मैच की शुरुआत ही टॉस से होती है। टॉस से तय होता है कि कौन पहले बल्लेबाजी करेगा और कौन गेंदबाजी, लेकिन अब विचार हो रहा है कि टेस्ट मैचों में इस परंपरा को खत्म कर दिया जाए।
अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) की क्रिकेट समिति की मुंबई में 28 और 29 मई को होने वाली बैठक में इस पर फैसला हो सकता है।
आईसीसी के एक अधिकारी ने कहा कि टेस्ट क्रिकेट से मूल रूप से जुड़े टॉस को खत्म किया जा सकता है। आईसीसी की क्रिकेट समिति इस पर चर्चा करने के लिए तैयार है कि क्या मैच से पहले सिक्का उछालने की परंपरा खत्म की जाए, जिससे कि टेस्ट चैंपियनशिप में घरेलू मैदानों से मिलने वाले फायदे को कम किया जा सके।
मेहमान टीम तय करे उन्हें बैटिंग करना है या बॉलिंग
आलोचकों का कहना है कि इस परंपरा के कारण मेजबान टीमों को अनुचित लाभ मिलता है। समिति के सदस्यों को भेजे पत्र में लिखा गया है कि टेस्ट पिचों की तैयारियों में घरेलू टीमों के हस्तक्षेप के वर्तमान स्तर को लेकर गंभीर चिंता है और समिति के एक से अधिक सदस्यों का मानना है कि प्रत्येक मैच में मेहमान टीम को टॉस पर फैसला करने का अधिकार दिया जाना चाहिए। हांलांकि, समिति में कुछ अन्य सदस्य भी हैं, जिन्होंने अपने विचार व्यक्त नहीं दिए हैं।
काउंटी चैंपियनशिप में 2016 में टॉस नहीं किया गया और यहां तक कि भारत में भी घरेलू स्तर पर इसे हटाने का प्रस्ताव आया था, लेकिन उसे नकार दिया गया था।
आईसीसी क्रिकेट समिति में पूर्व भारतीय कप्तान और कोच अनिल कुंबले, एंड्रयू स्ट्रॉस, श्री लंका के पूर्व कप्तान महेला जयवर्धने, राहुल द्रविड़, टिम मे, न्यूजीलैंड क्रिकेट के मुख्य कार्यकारी डेविड वाइट, अंपायर रिचर्ड केटलबोरोग, आइसीसी मैच रेफरी प्रमुख रंजन मदुगले, शॉन पोलाक और क्लेरी कोनोर शामिल हैं।